-अमरपाल नूरपुरी
एमकेयर अस्पताल, जीरकपुर ने नी-जॉइंट (घुटने) केयर प्रोग्राम के अंतर्गत नई स्टिचलेस एंड पेनलेस नी-रिप्लेसमेंट (एसएलपीएल) तकनीक को लांच कियाहै।
चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी देते हुए , डॉ गगनदीप गुप्ता, कंसल्टेंट-ऑर्थोपेडिक एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट, एमकेयर अस्पताल, ने कहा कि घुटने के प्रतिस्थापन में आमतौर पर चीरा व टांके लगते हैं और लंबे समय तक पूर्ण बेड रेस्ट शामिल होता है। लेकिन अब नई स्टिचलेस एंड पेनलेस तकनीक के इस्तेमाल से बिना टांके के घुटना बदला जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह नई तकनीक बहुत लोकप्रिय हो गई है, इस तकनीक में सर्जरी के दौरान टांके लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है और यह लगभग दर्द रहित है।
डॉ गुप्ता, जिन्होंने एसएलपीएल के साथ 300 से अधिक रोगियों का ऑपरेशन किया है, ने आगे बताया कि एसएलपीएल के बाद उपचार के बाद बेहतर रिकवरी होती है और अस्पताल से कम समय के अंदर छुट्टी हो जाती है व फॉलोअप की आवश्यकता भी कम होती है।
इसके अलावा मरीज सर्जरी के तुरंत बाद स्नान कर सकते हैं। पट्टी बदलने की भी जरूरत नहीं होती है। डॉ बुशु हरना, ऑर्थोपेडिकैन ने कहा कि यह तकनीक कॉस्मेटिक रूप से बेहतर है क्योंकि घुटने पर कोई निशान नहीं रहता व इस तकनीक से मेटल स्टिच के विपरीत संक्रमण होने की संभावना नगण्य है।
अभितेज निब्बर, एमकेयर अस्पताल के डायरेक्टर ने बताया कि एमकेयर जोड़ों के रोगियों को बहुत सस्ती दरों पर सर्वोत्तम उपचार प्रदान कर रहा है।