-अमरपाल नूरपुरी
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में आज देर शाम निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे और गत 4 जुलाई से पीजीआई में उनका इलाज चल रहा था।
5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पैदा हुए कल्याण सिंह बचपन से ही प्रखर बुद्धि के छात्र थे और जन सेवा व राजनीति में भी उनकी गहरी दिलचस्पी थी।1967 में वह प्रथम बार अतरौली से विधायक चुने गए थे। उसके बाद उनकी जीत का यह सिलसिला जारी रहा और वह 8 बार उस क्षेत्र के विधायक बने। सन 1991 में प्रथम बार वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए ,पर 1992 में अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद की घटना के बाद उनका नाम अचानक सुर्खियों में आया और जल्द ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। उसके बाद 1997 में दूसरी बार कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला और यूपी में अपराध को रोकने के लिए उन्होंने कई कड़े कदम उठाए ,जिसकी वहां के लोगो ने सराहना की थी।
9 बार के विधायक रहे कल्याण सिंह राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के पद पर भी आसीन रहे थे। राम जन्मभूमि अयोध्या से उनका विशेष लगाव था और अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए वह हमेशा तत्पर रहें। कल्याण सिंह को चाहे दो बार भारतीय जनता पार्टी से बाहर होना पड़ा था, पर उनका दिल कहीं और नहीं लगा और वह वापस भाजपा में लौट आए। कल्याण सिंह का कद पार्टी में बहुत ऊंचा था और उन्होंने इस पद की गरिमा को सदैव बनाए रखा।उनके निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा कर दी गई है।