-अमरपाल नूरपुरी
चंडीगढ़ के श्री शिव मानस मन्दिर में प्रेस से बात करते हुए हिन्दु वेल्फेयर बोर्ड के चेयरमैन महन्त रवि कान्त मुनि ने कहा कि पंजाब में सरकारी नियंत्रण में हिन्दू धर्मस्थलों की दुर्दशा हो रही है। सरकार और भूमाफिया मिलकर हमारे धर्मस्थलों को नोच रहे हैं। हिन्दुओं की कहीं कोई सुनवाई नही है। पंजाब में ना तो हिन्दू सुरक्षित हैं और ना ही हिन्दुओं के धर्मस्थान सुरक्षित है। कोई भी राजनीतिक पार्टी पंजाब के हिन्दुओं की बात नही करती। पंजाब में आतंकवाद पीड़ित हिन्दुओं के इंसाफ के लीये आज तक कोई आयोग या सिट नही बनी। पंजाब के हिन्दुओं में असुरक्षा का माहौल है, पंजाब के एक पूर्व डीजीपी ने भी कुछ दिन पहले इसका जिक्र किया था। महन्त रवि कान्त मुनि ने कहा कि पंजाब का हिन्दू समाज पिछले काफी समय से अपने धर्मस्थलों को सरकार से मुक्त करवाने और सरकारी या राजनीतिक दखल के बिना अपने स्तर पर अपने धर्मस्थलों की दुर्दशा को सुधारने और उनके उचित प्रबंधन और अपने समाज के सुधार और अपने आंतरिक धार्मिक मामलों को अपने स्तर पर सुलझाने को लेकर हिन्दू मन्दिर एक्ट की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश मे केवल दंगा फसाद करने वालों और व्यवस्था को खराब करने वालो की ही बात सुनी जाती है। कानून को मानने उसका पालन करने वाले, शांतिपूर्वक तरीके से अपनी मांग करने वाले हिन्दुओं, शहरियों और व्यपारी वर्ग जैसे शांतिप्रिय समाज की जायज मांग को भी नही सुना जाता। उन्होंने कहा कि हम किसी का विरोध नही करते, किसी में दखल नही देते, कोई शान्ति भंग नही करते फिर भी हमारे साथ पंजाब में दूसरे दर्जे के नागरिक की तरह व्यवहार किया जाता है। जब हम किसी में दखल नही देते तो हम भी यह चाहते हैं कि कोई हममें दखल ना दे, हमारी शान्ति भंग ना करे, हम किसी से कोई धन, सम्पत्ति आदि कुछ भी नहीं मांग रहे, केवल अपने स्तर पर अपने धर्मस्थलों से अपने समाज के कमजोर वर्ग के रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई और दवाई जैसी बुनियादी सुविधाओं के प्रबंध, अपने धर्मस्थलों के सुधार और उनके स्वम् प्रबन्धन के संविधान के अनुसार कानूनी अधिकार की मांग ही तो कर रहे हैं, जिससे किसी को कोई नुकसान नही, फिर भी हमारी कोई सुनवाई नही। जबकि देश की सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि हिन्दू मन्दिरों का प्रबंधन श्रद्धालुओं द्वारा किया जाना चाहिए। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ ने भी अपने आदेश में कहा है कि सरकार को हिन्दू धर्मस्थलों के प्रबंध का अधिकार नही है। हिन्दू धर्मस्थलों के संरक्षण और उनके उचित प्रबंध के लीये भी चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को कानून बनाने के आदेश दिये हुए हैं। परन्तु सरकार कोर्ट के आदेशों का पालन नही कर रही। उन्होंने कहा कि हम पिछले कई सालों से मन्दिर एक्ट को लेकर प्रयास कर रहे हैं। मन्दिर एक्ट को लेकर साल 2014 में हमने हिन्दू वेल्फेयर बोर्ड द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था। उसके बाद हमने पंजाब के तत्कालीन राज्यपाल शिवराज पाटिल को मिलकर इस मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। महन्त रवि कान्त मुनि ने बताया कि वह साल 2014 मे इस मांग को लेकर पटियाला विधानसभा के उपचुनाव में महारानी परनीत कौर के सामने चुनाव में उतरे थे जिसपर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हिन्दू मन्दिर एक्ट को संसद में उठाने के आश्वासन के बाद वह कांग्रेस प्रत्याशी परनीत कौर के पक्ष में चुनाव मैदान से हट गये। परन्तु हमारे समर्थन से परनीत कौर की जीत के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले को संसद में नही उठाया। उसके बाद उन्होंने 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों से पूर्व काफी विद कैप्टन के सार्वजनिक मंच पर कैप्टन को उनका वायदा याद करवाया जिसपर कैप्टन ने कहा कि धर्मार्थ स्टेट सब्जेक्ट है कैप्टन ने पंजाब में सत्ता में आने पर हिन्दुओं के इस मामले पर पालिसी बनाने का वायदा किया। जिस पर विश्वास करके हमने पंजाब में कैप्टन की सरकार बनाने के लीये पंजाब में कैप्टन के पक्ष में हिन्दू समाज को वोट देने के लीये प्रेरित किया। जिससे पंजाब के हिन्दुओं ने बड़ी संख्या में कांग्रेस को वोट देकर पंजाब में कैप्टन की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।
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सरकार बनने पर उन्होंने कैप्टन सरकार को उनका वायदा याद करवाते हुए मन्दिर एक्ट की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने अफसरों से इसपर रिपोर्ट मांगी परन्तु यह फ़ाइल एक अफसर से दूसरे अफसर की टेबल पर घूमती रही। महन्त रवि कान्त मुनि ने बताया कि मामला हल ना होता देखकर साल 2020 में उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में सम्पर्क किया। जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने सम्बंधित अधिकारियों को मामले के जल्द निपटारे के आदेश दिये, परन्तु फिर भी मसला हल नही हुआ। इसके बाद 4 मार्च 2021 को उन्होंने मन्दिर एक्ट की मांग वाले भगवा लगी सेंकडों गाड़ियों के बड़े काफिले के साथ चंडीगढ़ के लीये भगवा मार्च किया। जिसपर 12 मार्च को मुख्यमंत्री के तत्कालीन मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार के साथ हिन्दु नेताओं की मीटिंग हुई। इस दौरान उन्होंने इस विषय पर पंजाब के हिन्दुओं के जनजागरण के लीये पटियाला से 13 अप्रैल को भगवा चेतना रथयात्रा शुरू की। यह रथयात्रा पंजाब के 128 शहरों कस्बों से होती हुई 26 जून को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर पूरी हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय के मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार और प्रधान सचिव तेजवीर सिंह के साथ कई दौर की बातचीत चलती रही। उन्होंने कहा कि कोई हल ना निकलने पर हमने 3 सितम्बर को फिर से भगवा लगी हजारों गाड़ियों के बड़े काफिले के साथ चंडीगढ़ की तरफ भगवा मार्च किया परन्तु सरकार ने हमें एयरपोर्ट चोंक पर रोककर लिखित रूप में पॉजिटिव कार्यवाही का आश्वासन देते हुए कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा के साथ मीटिंग का पत्र दिया। मुख्यमंत्री बदलने पर 12 अक्टूबर को हमने नए मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में मीटिंग की और अपना मांगपत्र उन्हें दिया। उसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने हमसे मन्दिर एक्ट के संशोधित और अंग्रेजी में ड्राफ्ट मांगा। जिसपर हमारे हिन्दू वेल्फेयर बोर्ड के वकीलों ने नया ड्राफ्ट तैयार करके और पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के कानून विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ एम आर गर्ग द्वारा तस्दीक किया हुआ अंग्रेजी ड्राफ्ट मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को भेजा। उसके बाद अभी तक हमें इस बारे में कोई जानकारी नही मिली। उन्होंने कहा कि दिसंबर के आखिर में कोड लगने वाला है। सरकार के पास इस एक्ट को फाइनल करने में थोड़ा समय ही बचा है। जिसको लेकर हम अपनी गतिविधियों को तेज कर रहे हैं। जिसमें आगामी हफ्ते में पंजाब में सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के प्रदेश अध्यक्षो या राष्ट्रीय अध्यक्षों को इस मांग को लेकर ज्ञापन सौंपे जायेंगे। उससे अगले सप्ताह से सैंकड़ो साधु सन्त रोजाना भजन कीर्तन करते हुए मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी के आवास पर जाकर रोजाना उन्हें ज्ञापन देंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब के लाखों हिन्दुओं ने इस मांग को समर्थन किया है जिसमें चालीस हजार से ज्यादा हिन्दुओं के मोबाइल नम्बरों का डेटा हमारे पास मौजूद हैं। पांच लाख से ज्यादा हिन्दु प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से इस मांग के साथ जुड़ा हुआ है। अगर कांग्रेस सरकार ने कोड लगने से पहले इस एक्ट को पारित नही किया तो हम पंजाब के हिन्दुओं को बताएंगे कि कांग्रेस और कैप्टन दोनों ने पंजाब के हिन्दुओं के साथ धोखा किया है और आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और कैप्टन दोनों का बाइकाट करने के लीये प्रेरित करेंगे। इसके अलावा जो भी राजनीतिक पार्टी या दल अपने घोषणापत्र में हिन्दू मन्दिर एक्ट पारित करने का वायदा करेगा, उस दल की सरकार बनाने के लीये हिन्दू समाज को प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को नजरअंदाज करके कोई भी राजनीतिक पार्टी या दल पंजाब में सत्ता में नही आ सकता, अगर कोई भी राजनीतिक पार्टी हिन्दुओं की इस प्रमुख मांग को गम्भीरता से नही लेती तो हम या तो अपने प्रत्याशी चुनाव में उतारेंगे या फिर नोटा दबाने के लीये हिन्दुओं को प्रेरित करेंगे। इस कांफ्रेंस में संत समाज से महंत भगवत दास जी, मंहत सरूप बिहारी शरन, हिन्दु वेलफेयर बोर्ड से प्रवेश कुमार, मनोज कुमार नन्हा, बलबीर गर्ग, सुनिल जीत विक्की,देवी दयाल, अनिल डुमरा राष्ट्रीय बजरंग दल, चंडीगढ, श्री सुनील चावरिया, रूपेश घावरी, राम पाल भी मौजूद थे।