-अमरपाल नूरपुरी
सिख धर्म के प्रतिनिधि माने जाने वाले दिल्ली गुरुद्वारा प्रबधंन कमिटी के कुछ सदस्यों और बादल दल के कार्यकर्ताओ ने कानून व्यवस्था को हाथ में लेते हुए, बीते गुरुवार को , सैकड़ो पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव के प्रमुख सरदार नरिंदर सिंह के ऊपर जानलेवा हमला कर दिया।
सुरक्षा बलों ने मामले में सतर्कता दिखाते हुए दिल्ली गुरुद्वारा डायरेक्टरेट को सुरक्षित बाहर निकाला । नरेंद्र सिंह ने दोषियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करायी है।
इस पूरे मामले में डीएसजीएमसी के पूर्व प्रमुख और नवनियक्त सदस्य परमजीत सिंह सरना ने प्रतिक्रिया दी।
“बादलो ने एक बार फिर अपना तथाकथित माफियाओ वाला चेहरा दुनिया के सामने जगजाहिर कर दिया। इन्होंने सिखी को फिर शर्मसार किया। सरदार नरेंद्र सिंह एक ईमानदार और निडर सिख है। इन्होंने बादलो के काले करतूतों पर लगाम लगाते हुए गुरुद्वारा चुनाव को साफ,निष्पक्ष और सुचारू रूप से सम्पन्न करवाया। डायरेक्टरेट की ईमानदारी से घबराए और अपने हार को पचाने में असमर्थ कुछ माफियों ने उनपर हमला किया। हम सिख जगत के प्रतिनिधि ऐसे कुकृत्य की कठोर शब्दो मे निंदा करते है। दोषियों के खिलाफ सिर्फ एफआईआर ही नही बल्कि गहन जाँच करके जेल में भेजने की जरूरत है।”
पूरे मामले में प्रकाश डालते हुए सरना ने बताया कि विरोधी खेमा ने वोटरों और सिंघ सभाओ के लिस्ट में अभी तक भारी फर्जीवाड़ा किया था। यह डीएसजीएमसी और एसजीपीसी दोनों जगह है। सिंघ सभाओ के प्रमुख के नाम गलत है, ऐसे प्रमुख के नाम है जिनका देहांत 10-20 साल पहले हो चुका है। जो सिंघ सभाए मौजूद ही नही है उनके नाम लिस्ट में दिख रहे थे। इन पूरे हेर-फेर का संज्ञान लेते हुए गुरुद्वारा डायरेक्टरेट ने इसमें और पारदर्शिता लाने का आग्रह किया।